6 योगासन जो दे गर्दन दर्द से जल्द आराम | Yoga for Neck & Cervical Pain in Hindi

गर्दन का दर्द बेहद सामान्य है और कई वजहों से ये आपके शरीर को जकड़ सकता हैं। फ़ोन और लैपटॉप का ज़्यादा इस्तेमाल, गलत मुद्रा में सोना, और लम्बे समय तक बैठे रहना गर्दन के दर्द के प्रमुख कारण है। सरल शब्दों में कहे तो आपकी दैनिक गतिविधियां आपके शरीर पे गहरा प्रभाव डालती हैं। अगर आप नियमित व्यायाम करते हैं और शारीरिक गतिविधियां करते हैं तो आप स्वस्थ रहते हैं। व्यायाम ना करने से और लम्बे समय तक बैठे रहने से गर्दन का दर्द आपके शरीर में आ जाते है। यह दर्द बहुत तेज़ी से कमर और कंधो तक पहुँच कर परेशानी बढ़ा सकता है।

योगासन जो दे गर्दन दर्द से जल्द आराम (yoga for neck pain in hindi)

कईं अध्ययन के अनुसार, योग करने से गर्दन दर्द में आराम मिल सकता है। आज हम ऐसे ही ६ योगासनो की बात करेंगे जो गर्दन के दर्द को दूर करने में सक्षम है। ये योगासन उन लोगो के लिए बहुत फायदेमंद है जो काफी समय से इस दर्द से ग्रसित हैं।

भारद्वाजासन (Bhardwaj Asan)

भारद्वाजासन करने के लिए अपने घुटनों के बल इस तरह बैठे की आपके पैर कूल्हों की बांयी तरफ रहे। अब अपने दांये हाथ को कमर के पीछे से ला कर दांये पैर को पकड़ के खींचे। इसी समय अपने उलटे हाथ को दांये पैर के घुटने पे रख के धढ़ को उलटी तरफ हल्का सा घुमाएं।

भारद्वाजासन (Bhardwaj Asan) Yoga for neck pain in hindi

मार्जरीआसन (Margari Asana)

इस आसन को करने के लिए मार्जरी यानि बिल्ली की अवस्था में आए। आपके हाथ कंधों की सीध में होने चाहिए। इस अवस्था में आने के बाद सांस लेते हुए अपनी कमर को ऊपर की तरफ धकेलते हुए आर्च बनाए।

मार्जरीआसन (yoga for neck pain in hindi)

बिटिलासन (Bitilasana)

यह आसान काफी हद्द तक मार्जरीआसन के समान है। इस आसन में सांस लेते हुए कमर को नीचे की तरफ धकेलते हुए आर्च बनाए। इस अवस्था में आपके कंधे ऊपर की तरफ तने रहेंगे। आम तौर पर मार्जरीआसन और बिटिलासन दोनों साथ में किए जाते है।

बिटिलासन (yoga for neck pain in hindi)

बालासन (Balasan)

बालासन को करने के लिए पहले घुटनों पे बैठें फिर अपने कूल्हों को एड़ियो पे रख कर आगे की तरफ लेट जाएं। अपने हाथों को फर्श पे सीधा फैला कर नीचे की तरफ देखें और गर्दन को ढीला छोड़ दें। यह बहुत आराम देने वाला आसन है जो आप थोड़े लम्बे समय तक भी कर सकते हैं।

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शवासन (savasana)

शवासन बहुत ही सरल आसन है जो आम तौर पे व्यायाम के आखिर में किया जाता है। इस आसन को करने के लिए फर्श पे कमर के बल सीधा लेट जाए और हथेलिओं को छत की तरफ रखें। शरीर को सीधा और स्थिर रखें और गर्दन को ढीला छोड़ दें। यह आसन २-३ मिनट के लिए कर सकते हैं।

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उत्तान शीषोसन (Uttana Shishosana)

उत्तान शीषोसन को करने के लिए बालासन के समान अवस्था में आएं परन्तु कूल्हों को एड़ियो पे ना रख के हवा में उठाएं। कूल्हों को हवा में सीधा तना के हाथों को फर्श पे फैला लें और कमर में खिचाव पैदा करे। इससे आपकी कमर में आर्च बनेगा। इस आसन में भी सर नीचे की तरफ देखते हुए आराम की अवस्था में रहेगा और गर्दन ढीली रहेगी।

उत्तान शीषोसन (Uttana Shishosana)

ये सभी आसन आपके गर्दन दर्द को दूर करने में लाभकारी हैं। अगर फिर भी आप गर्दन में बहुत तेज़ दर्द महसूस करते है और लम्बे समय से झेल रहे है तो तुरत चिकित्सक से संपर्क करें।

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Blog Writer:- Pallav Verma

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