थायराइड के लक्षणों को तुरन्त पहचाने और थायराइड इलाज़ के रामबाण उपायों को तुरन्त अपनायें |

थायराइड आज के समय की एक बहुत जटिल और बड़ी समस्या है। दिनभर की व्यस्त दिनचर्या के बीच ये पता ही नहीं चलता की कब हम थायराइड रोग़ से ग्रस्त हो गये | इसका सबसे बड़ा कारण थायराइड ग्रंथि का ठीक से कार्य ना कर पाना और खानपान मे लापरवाही करना है। थायराइड के बारे सम्पूर्ण जानकारी के लिए पूरे ब्लॉग को ध्यानपूर्वक पढ़े |

विषय सूचि :-

(A). थायराइड क्या है ? (Thyroid in hindi meaning) :-

थायरॉयड हमारे शरीर की एक ग्रंथि है। इसका आकार एक छोटी सी तितली जैसा होता है। थायराइड ग्रंथि गर्दन के निचले हिस्से, खंठ पर होती है।thyroid in hindi | थायराइड के लक्षण

यह ग्रंथि थायराइड हार्मोन बनाती है जो पूरे शरीर की सभी कार्य प्रणालियों को नियंत्रित करती है। थायराइड हार्मोन का मुख्य कार्य मेटाबोलिज्म दर, शरीर मे ऊर्जा स्तर , शरीर का तापमान और हार्ट रेट को नियंत्रित करना है।

मेटाबोलिज्म दर को नियंत्रित करने के लिए थायराइड उत्तेजक हार्मोन(TSH), T3 (ट्रायोडोथायरोनिन) और T4(थायरॉक्सीन) हार्मोन का निर्माण करता है। जब तक थाइरोइड हार्मोन का स्त्राव सही मात्रा मे होता है तब तक इन दोनों T3 (ट्रायोडोथायरोनिन) और T4(थायरॉक्सीन) हार्मोन का संतुलन बना रहता है। और मेटाबोलिज्म दर जिसे हम BMR इंडेक्स कहते है, कंट्रोल मे रहता है। शरीर मे ऊर्जा के स्तर का संतुलन रहता है। इन हार्मोन की शरीर मे सही मात्रा को हम निम्नलिखित चार्ट से समझ सकते है। thyroid test in hindi

लेकीन जब थायराइड उत्तेजक हार्मोन(TSH), T3 (ट्रायोडोथायरोनिन) और T4(थायरॉक्सीन) को बहुत अधिक या बहुत कम मात्रा मे बनाता है, तो इसे थायरॉयड रोग कहा जाता है। जिससे शरीर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

(B). थायराइड के प्रकार (Types of Thyroid in hindi):-

1. थायरॉइड ग्रंथि की अतिसक्रियता (Hyperthyroidism in hindi):-

जब T3 (ट्रायोडोथायरोनिन) और T4(थायरॉक्सीन) हार्मोन का स्त्राव अधिक मात्रा मे होता है तो इसे हाइपरथायराइडिज्म (Hyperthyroidism) रोग़ कहते है। मेटाबोलिज्म की दर तेज़ होती है और शरीर मे अधिक ऊर्जा की खपत होती है जिसकी वजह से आपके शरीर का वज़न बहुत तेज़ी से कम होता है।

2. थायरॉइड ग्रंथि की अल्पसक्रियता (Hypothyroidism in hindi):-

जब T3 (ट्रायोडोथायरोनिन) और T4(थायरॉक्सीन) हार्मोन का स्त्राव कम मात्रा मे होता है तो इसे हाइपोथायराइडिज्म (Hypothyriodism) रोग़ कहते है। मेटाबोलिज्म दर बहुत धीमी होती है और शरीर मे कम ऊर्जा की खपत होती है जिसकी वजह से आपके शरीर का वज़न बहुत तेज़ी से बढ़ता है। इसके आलावा भी बहुत से विपरीत शारीरिक लक्षण दिखते है। जिनकी चर्चा हम इस लेख मे विस्तार से करेंगे |

(C). थायराइड के लक्षण (Thyroid symptoms in hindi):-

थायराइड के लक्षण हाइपोथायराइडिज्म और हाइपरथायराइडिज्म में भिन्न-भिन्न होते है अत: हम इन्हे अलग-अलग समझते है।

हाइपरथायराइडिज्म के लक्षण (Thyroid symptoms in hindi):-

  • शरीर का वजन बहुत तेज़ी से कम होना थायराइड के लक्षण है।
  • घबराहट, चिंता और चिड़चिड़ापन निरंतर रहता है।
  • नींद नहीं आना हाइपरथायराइडिज्म का प्रमुख लक्षण है।
  • थायराइड के लक्षण मे भूख और प्यास बार-बार लगती है।और भोजन करने के बाद भी ऐसा लगता है की कुछ खाया ही नहीं |
  • मांसपेशियों कमज़ोर हो जाती है।
  • सामान्य से अधिक बार पेशाब आता है।
  • हर समय थकान महसूस होती है।

हाइपोथायराइडिज्म के लक्षण (Thyroid symptoms in hindi):-

  • शरीर का वजन बहुत तेज़ी से बढ़ता है।
  • थायराइड के लक्षण शुरू होते ही कब्ज़ की समस्या होना शुरू हो जाती है।
  • चहरे पर सुजन रहती है।
  • त्वचा मे रूखापन रहता है और ठण्ड बहुत लगती है।
  • थकान जल्दी और ज्यादा महसूस होती है।

अगर आप को उपरोक्त थायरॉइड के लक्षण महसूस हो तो थायरॉइड रोग़ की स्टेज और हार्मोन लेवल पता करने के लिए आप निम्नलिखित थाइरोइड टेस्ट करवा कर उचित उपचार ले सकते है।

(D). थाइरोइड टेस्ट (thyroid test in hindi):-

किसी को थायरॉइड डिस्ऑर्डर है या नहीं, इसके लिए यह चेक किया जाता है कि बॉडी में T3, T4 और TSH लेवल नॉर्मल है या नहीं। पहले लक्षणों और फिर जांच (थायरॉइड प्रोफाइल टेस्ट) से इसका पता चलता है।

  1. कोलेस्ट्रॉल परीक्षण (Cholesterol test):- कम कोलेस्ट्रॉल एक उच्च चयापचय (पाचन क्रिया) दर का संकेत हो सकता है, जिसमें आपका शरीर कोलेस्ट्रॉल के माध्यम से शरीर मे ऊर्जा की खपत ज्यादा होती है।
  2. T4, नि: शुल्क T4, T3 (T4, free T4, T3 thyroid test):- इस थाइरोइड टेस्ट परीक्षण मे ये मापते हैं कि आपके रक्त में थायरॉइड हार्मोन (T4 और T3) का लेवल कितना है।
  3. थायराइड उत्तेजक हार्मोन (TSH) स्तर का परीक्षण :– थायराइड उत्तेजक हार्मोन (TSH) एक पिट्यूटरी ग्रंथि हार्मोन है जो हार्मोन का उत्पादन करने के लिए थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करता है। TSH हार्मोन का नार्मल स्तर 0.5-4.5 mIu/L होती है। TSH के इस स्तर से अधिक या कम होने पर थायराइड रोग़ होने की सम्भावना अधिक हो जाती है।
  4. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound):- इस थाइरोइड टेस्ट मे थायराइड ग्रंथी के आकार का परीक्षण किया जाता है और थायराइड ग्रंथी के स्वरुप मे आये किसी भी प्रकार के परिवर्तन का पता चलता है।
  5. सीटी या एमआरआई स्कैन (CT or MRI scans):- थायराइड ग्रंथी मे किसी भी प्रकार के पिट्यूटरी ट्यूमर है तो यह थाइरोइड टेस्ट बहुत ही कारागार है।
  6. थायराइड स्कैन (Thyroid scan and uptake):- थायरॉयड ग्रंथि का कौन सा क्षेत्र ओवरएक्टिविटी का कारण बन रहा है इस थाइरोइड टेस्ट मे आसानी से पता चल जाता है।

(E). घर पर थायराइड कैसे चेक करे (Thyroid test at home in hindi) :-

हम अपने घर पर 3 प्रकार से थायराइड टेस्ट की जांच कर सकते हैं उनमें से एक मरकरी तापमान मीटर परीक्षण (बार्नी टेस्ट) है।

1. बार्नी टेस्ट :-

ऐसा करने के लिए सबसे पहले थर्मामीटर को हिलाकर पारा को 35°C या 95F से नीचे गिराएं और रात को सोने से पहले इसे अपने सिर के पास रखें।

thyroid test at home

सुबह उठकर बिना बिस्तर से उठे अपना ऊपरी कपड़ा उतारें और थर्मामीटर को अपनी बगल में रख कर 10 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर उसे बाहर निकाल कर उसकी रीडिंग लें।

बेहतर और सटीक थायराइड परीक्षण के परिणाम के लिए यह उपरोक्त दोनों चरणों को आपको नियमित रूप से सुबह एक ही समय में 4-5 दिन करना है।

(i). यदि तापमान 36.5C (97.7F) और 36.8C (98.2F) के बीच है तो थायरॉयड ग्रंथि ठीक से काम कर रही है।

(ii). यदि तापमान 36.5C (97.7F) से नीचे है, तो थायराइड सामान्य से धीमी गति से काम कर रहा है। यह हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण हैं।

(iii). और यदि तापमान 36.8C (98.2F) से अधिक है, तो थायराइड तेजी से काम कर रहा है या शरीर में किसी तरह का संक्रमण हो रहा है। यह हाइपरथायरायडिज्म के लक्षण हैं।

2. थायराइड ग्लैंड मूवमेंट टेस्ट द्वारा :-

घर पर इस थायराइड परीक्षण में हमें 1 कप पीने के पानी और एक दर्पण की आवश्यकता होती है। आपको बस शीशे के सामने बैठकर पानी पीना है। पानी की चुस्की लेते समय सिर्फ गर्दन को शीशे पर देखने पर आपको थायरॉयड ग्रंथि की बनावट और आकार का पता चलता है। अगर आपको लगता है कि थायरॉयड ग्रंथि के बनावट और आकार में कुछ बदलाव आ रहा है। तो आप डॉक्टर कंसल्ट कर मेडिकल थायरॉइड टेस्ट के लिए जा सकते हैं।

3. थायराइड टेस्ट किट द्वारा :-

आप घर पर भी थायरॉइड टेस्ट किट से ब्लड सैंपल ले सकते हैं। फिर आपको नमूना घर से निकटतम प्रयोगशाला या परीक्षण किट निर्माता कंपनी को नमूना भेजना होगा। लेकिन यह बहुत समय लेने वाली प्रक्रिया है। घर पर थायराइड परीक्षण के लिए कुछ किट लेट्सगेटचेक, एवरवेल, इमावेयर आदि हैं।

जब भी आप कभी डॉक्टर के पास थाइरोइड के इलाज़ के लिए जाते है तो इन थाइरोइड टेस्ट (thyroid test in hindi) मे से सबसे पहले T3, T4  और TSH हार्मोन के स्तर का परीक्षण आपके ब्लड के सैंपल से किया जाता है।

दोस्तो अगर आप थाइरोइड की समस्या से ग्रसित है या थायराइड के लक्षण है तो आप काफी हद तक डॉक्टर की सलाह , दैनिक दिनचर्या मे सुधार और कुछ घरेलु उपाय से थायराइड का अचूक इलाज कर सकते है।

(F). थायराइड का रामबाण इलाज (Thyroid treatment in hindi) :-

  • नियमित रूप से सुबह के समय कपालभाति प्राणायाम, उज्जायी प्राणायाम और सर्वांगासन योग अभ्यास थायराइड का रामबाण इलाज है।
  • भोजन मे आयोडीन युक्त नमक का उपयोग संतुलित मात्रा मे ज़रूर करे |
  • थायराइड का आयुर्वेदिक उपचार पतंजलि मे 50 ग्राम त्रिकुट चूर्ण और 10 ग्राम प्रवाल पिष्टी या गोदंती भस्म शहद के साथ मिलाकर चाट कर खाने से बहुत जल्दी थाइरोइड से छुटकारा मिलता है।

  • बाबा रामदेव की पतंजलि की 1-1 गोली मेदोहर वटी ,काचनार गुग्गुल और वृद्धि वाधिका वटी रात के भोजन के बाद लेने से थायराइड जड़ से खत्म होगा |
  • थायराइड का आयुर्वेदिक पतंजलि उपचार मे सुबह के समय खाली पेट गों मूत्र अर्क (दिव्य गोधन अर्क ) पिना थायराइड का अचूक इलाज है।

  • शुगर फ्री डाइट लेना थायराइड का घरेलू उपचार है।
  • विटामिन बी -12 सप्लीमेंट जैसे (दूध ,अंडा ,पनीर ,मटर ,सेम और तिल) लेने से हाइपोथायरायडिज्म को ठीक करने में मदद मिल सकती है।
  • हाइपोथायरायडिज्म का उपचार आमतौर पर लेवोथायरोक्सिन (levothyroxine) नामक दैनिक हार्मोन रिप्लेसमेंट गोलियां लेने के द्वारा किया जाता है।
  • रेड मीट ,वनस्पति घी ,कैफीन, अल्कोहल और मसालेदार भोजन आदि का थायराइड में परहेज करना ही थायराइड का रामबाण इलाज़ है।
  • थायराइड का होम्योपैथिक इलाज के लिए आप ब्रोमियम , आयोडिनम ,स्पोंजिया टोस्टा, कैल्केरिया कार्बोनिका, Pulsatilla आदि होम्योपैथिक दवाइयाँ डॉक्टर के परामर्श से ले सकते है। होम्योपैथिक दवाइयों का शरीर पर साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है।थायराइड का होम्योपैथिक इलाज

दोस्तों इन सभी ज़रूरी उपायों को अपनाकर हम थाइरोइड रोग़ को होने से पहले ही जड़ से खत्म कर सकते है।

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ब्लॉग लेखक :- अनिल रमोला

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