प्रेग्नेंट होने के लक्षण घर बैठे चुटकी बजाते ही पता करे इन आसान नुस्खो से|

प्रेग्नेंट होना हर शादीशुदा स्त्री/लड़की के जीवन की सबसे बड़ी अभिलाषा और सुखद पल होता है। और यह पल हर लड़की की जीवन में आता है पर अकसर देखा गया है की इस सुखद पल का पता या तो काफ़ी देर बाद पता चलता है या फिर कुछ असावधानियों और जानकारी के अभाव से प्रेग्नेंट होने का सुख मिस हो जाता है।

pregnancy ke lakshan

image source-ourmomentoftruth.com

लेकिन अगर प्रेग्नेंट होने के लक्षण (pregnancy ke lakshan) शुरूआती दिनों में ही पता चल जाए तो प्रेग्नेंट होने का पल ओर भी सुखद और सुनहरा हो जाता है। तो आईए, आज इस लेख में प्रेगनेंसी के लक्षण को निम्नलिखित विषय सूचि से समझने की एक सफल कोशिश करते है। पर इसके लिए आपको  हमेशा की तरह ब्लॉग/लेख को ध्यान लगाकर पूरा पढ़ना होगा |

विषय सूचि :-

  1. प्रेग्नेंट होने के लक्षण (pregnancy ke lakshan)
  2. प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए (pregnancy kaise pata kare)
  3. प्रेगनेंसी टेस्ट किट कैसे यूज़ करते है (प्रेगा न्यूज़ प्रेगनेंसी टेस्ट)
  4. प्रेगनेंसी टेस्ट के घरेलू उपाय (pregnancy test ke gharelu upay)

1. प्रेग्नेंट होने के लक्षण (pregnancy ke lakshan)

अंडे और शुक्राणु  के मिलन के बाद 5 से 15 दिन के भीतर स्त्री/लड़की प्रेग्नेंट होती है और  प्रेग्नेंट होने के लक्षण (pregnancy ke lakshan) इन दिनों के बाद ही महसूस होते है। वैसे तो हर स्त्री/लड़की में प्रेगनेंसी के लक्षण अलग-अलग होते है क्योंकि हार्मोनल परिवर्तन हर लड़की/स्त्री में भिन्न होता है।

लेकिन इससे भी बड़ी समस्या यह है की प्रेगनेंसी और पीरियड आने के लक्षण लगभग एक जैसे होते है। पर थोड़ी सी सजगता और लक्षण दिखने के समय से हम प्रेगनेंसी और पीरियड आने के लक्षणों में फर्क कर सकते है। तो, आईए इस दुविधा को चुटकी बजाते ही दूर कर प्रेगनेंसी के लक्षणों  का पता करते है।

(i). म्यूकस (Mucus) का दुधियापन बढ़ना और चिपचिपापन कम होना : – म्यूकस एक दुधिया (क्रीमी) और चिपचिपा द्रव होता है जो कि एक पीरियड चक्र (लगभग 30 दिन) में 3 बार लड़की की वेजिना (योनी) से अलग-अलग समय निकलता है। लेकिन अगर म्यूकस का दुधियापन बढ़ जाए, चिपचिपापन कम हो जाए और इसमें खिंचाव (Stretchability) खत्म हो जाए तो यह प्रेग्नेंट होने का सबसे जल्दी और आसानी से दिखने वाला लक्षण है।

(ii). पेट और कमर में ऐंठन और दर्द का होना :-pregnancy symptoms in hindi

फर्टिलाइजेशन होने के 5 से 6 दिन बाद अंडा गर्भाशय (uterus) की दिवार से चिपक कर अपने लिए जगह बनाता है। और भ्रूण के पोषण के लिए लड़की के शरीर में प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का स्त्राव बढ़ने से ब्लड का संचार बढ़ जाता है। जिस वजह से पेट और कमर के नीचले हिस्से में ऐंठन और हल्का दर्द महसूस होता है जो की गर्भ ठहरने (pregnancy symptoms in hindi ) का सबसे प्रमुख और आसानी से महसूस किया जाने वाला लक्षण है।

(iii). पेशाब करने की दर का बढ़ना : – गर्भ धारण के बाद गर्भाशय का आकार बढ़ने लगता है जिसकी वजह से पेशाब नली पर प्रेशर बढ़ जाने से बार-बार यूरिन/पेशाब आता है। जो की पीरियड चक्र(टाइम) मिस होने के बाद प्रेग्नेंट होने के लक्षण है।

(iv). अत्यधिक थकान,पैरों में सुजन और बार-बार मुड़ का चेंज होना : – प्रेग्नेंट होते ही हार्मोनल change की वजह से अत्यधिक थकान और बार-बार मुड़ का चेंज होता है। इस दौरान लड़की/स्त्री में चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। साथ ही पैरों में सुजन और बार-बार  उलटी कि उकाई आना pregnancy ke lakshan है।

(v). पीरियड मिस होना :- अगर प्रेगनेंसी हो गई है तो पीरियड अगले महीने नहीं आते है। पर यह प्रेग्नेंट होने के लक्षण 50% ही कारागार है क्योंकि कई बार शारीरिक और मानसिक बदलाव की वजह से भी पीरियड cycle 15 से 20 दिन तक लेट हो सकती है।

(vi). अचानक से खट्टा और चटपटा खाने का बहुत मन करना : – pregnancy ke lakshan

प्रेगनेंसी होते ही मुंह का स्वाद कम और कड़वा सा हो जाता है। इस वजह से कुछ खट्टा या चटपटा खाने का मन करता है। सेक्स करने के कुछ दिनों के भीतर आचार , पानी पूरी (गोलगप्पे) और चटपटा खाने की इच्छा अचानक से बढ़ जाना भी प्रेग्नेंट होने के लक्षण (pregnancy symptoms in hindi) है।

(vii). हल्की ब्लड स्पोटिंग :- अगर एक या दो दिन हल्की सी ब्लड स्पोटिंग, पीरियड के पहले दिन से 13 वें से 19 वें दिन की बीच होती है तो यह प्रेग्नेंट होने के लक्षण है। लेकिन अगर ब्लड स्पोटिंग पीरियड के पहले दिन के 23 वे दिन के बाद लगातार कुछ दिन तक ज्यादा मात्रा में हो रही है तो यह पीरियड आने या हार्मोनल असंतुलन का लक्षण है।

(viii). ब्रेस्ट में खिंचाव और निपल का रंग गहरा होना : – प्रेगनेंसी के इस लक्षण में ब्रेस्ट में खिंचाव सा महसूस होता है और हल्का सा दबाने पर दर्द महसूस होता है साथ ही निपल का रंग गहरा काला होना शुरू हो जाता है।

(ix). जी मचलना और हल्का सिरदर्द रहना :- अगर सेक्स करने के बाद लगातार हल्का सिरदर्द रहे तो यह भी प्रेग्नेंट होने के लक्षण है।

इस प्रकार हम उपरोक्त प्रेगनेंसी के लक्षण (pregnancy symptoms in hindi ) से गर्भधारण का पता लगा सकते है। पर प्रेगनेंसी की 100% पुष्टि के लिए प्रेगनेंसी टेस्ट (pregnancy kaise pata kare) करना चाहिए |

2. प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए (pregnancy kaise pata kare)

प्रेगनेंसी टेस्ट करने का सबसे उत्तम समय ओव्यूलेशन के दिन सेक्स करने के बाद अगले 8 दिन बाद सुबह के समय उठते ही लड़की/स्त्री की पहली यूरिन (पेशाब) का प्रेगा न्यूज़ प्रेगनेंसी टेस्ट करने से प्रेगनेंसी की पुष्टि होती है। लेकिन प्रेगनेंसी होने के सबसे अच्छे और पुख्ता रिजल्ट प्रेगा न्यूज़ प्रेगनेंसी टेस्ट से पीरियड मिस होने के बाद पता चलता है।

ओव्यूलेशन की अधिक जानकारी और ओव्यूलेशन के दिन का सटीक पता लगाने के निम्नलिखित ब्लॉग को भी ज़रूर पढ़े |

गर्भवती होने के लिए पूरा गाइड ज़रूर पढ़े |

3. प्रेगनेंसी टेस्ट किट कैसे यूज़ करते है (प्रेगा न्यूज़ प्रेगनेंसी टेस्ट)

प्रेगनेंसी झट से पता करने में प्रेगा न्यूज़ प्रेगनेंसी टेस्ट बहुत उपयोगी है। प्रेगनेंसी पता करने में यह टेस्ट बहुत ही आसन और कारागार है। प्रेगनेंसी ठहरने के बाद ब्लड और पेशाब में एचसीजी (ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन) हार्मोन की मात्रा बढ़ जाती है। प्रेगनेंसी टेस्ट किट रिजल्ट्स  में इस एचसीजी हार्मोन का लेवल पेशाब के सैंपल से किया जाता है।

प्रेगनेंसी टेस्ट किट में एक सफेद रंग की  स्ट्रिप और एक ड्रापर होता है। प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए सुबह के पहले पेशाब की कुछ मात्रा को एक साफ़ पात्र (डब्बी) में एकत्रित करना है। फिर ड्रापर से 2-3 बूंदे पेशाब की स्ट्रिप के sample well वाली जगह पर डालनी है। और अब 1 मिनट वेट करना है।

1 से 1.5 मिनट में आपको स्ट्रिप के रिजल्ट विंडो पर 2 गुलाबी रंग के लाइन देखने लग जाए तो तो यह प्रेगनेंसी होने का शुभ संकेत है। और आपका प्रेगनेंसी टेस्ट किट रिजल्ट्स पॉजिटिव आया है। जो की प्रेगनेंसी के पुष्टि करता है।

लेकिन अगर सिर्फ 1 गुलाबी लाइन दिखे तो इसका मतलब प्रेगनेंसी टेस्ट किट रिजल्ट्स नेगेटिव है और प्रेगनेंसी नहीं हुई है।

और अगर कोई भी लाइन नहीं दिख रही तो इसका मतलब है की प्रेगनेंसी टेस्ट ठीक से नहीं हुआ है। इसकी वजह है कि या तो प्रेगनेंसी टेस्ट किट expired हो चुकी है या पेशाब का सैंपल ठीक से नहीं डाला है।

ध्यान रहे प्रेगा न्यूज़ प्रेगनेंसी टेस्ट सुबह के पहले पेशाब से ही करना चाहिए क्योंकि इस समय ही एचसीजी हार्मोन की मात्रा अधिक होती है जो की प्रेगनेंसी पता करने का मूल आधार है।

4. प्रेगनेंसी टेस्ट के घरेलू उपाय (pregnancy test ke gharelu upay)

प्रेगा न्यूज़ प्रेगनेंसी टेस्ट के अलावा भी बहुत से घरेलू उपाय है जिनका पुराने जमाने से प्रेगनेंसी का पता लगाने में उपयोग होता आया है। तो, आईए इन नुस्खो को भी लगे हाथ समझ लेते है।

(a).  नमक से प्रेगनेंसी टेस्ट :- नमक से प्रेगनेंसी टेस्ट करना बहुत पुराने समय से होता आया है और यह एक बहुत ही प्रचलित और आसान माध्यम है। इसका आधार भी एचसीजी हार्मोन की स्तर चेक करना है।

नमक से प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए सुबह के समय की पहली पेशाब का सैंपल करीब 50 ml, एक साफ़ डब्बी या पात्र में इक्कठा कर ले | अब इसमें 2 छोटे चमच्च सादा नमक डाल कर 3 मिनट तक छोड़ दे | अगर पेशाब और नमक के मिश्रण में झाग बनते है तो यह प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव है। लेकिन अगर झाग नहीं बनता तो प्रेगनेंसी नहीं है।

(b). चीनी से प्रेगनेंसी टेस्ट :- इस टेस्ट को भी सुबह के पहले पेशाब के सैंपल और चीनी से किया जाता है। एक साफ पात्र में लगभग 50 ml पेशाब का सैंपल ले और इसमें 2 छोटे चमच्च चीनी मिला कर अच्छी तरह से मिला ले | और लगभग 3 मिनट वेट करे अगर चीनी पेशाब में नहीं घुलती और चीनी चिपक कर इक्कठा हो जाती है तो प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव है। और अगर चीनी पेशाब में घुल जाती है तो प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव है।

(c). टूथपेस्ट प्रेगनेंसी टेस्ट :- इस टेस्ट में प्रेग्नेंट होने के लक्षण सफेद कोलगेट के रंग परिवर्तन के आधार पर पता किया जाता है। सफेद कोलगेट को पेशाब के सैंपल में मिला ले और 3 मिनट वेट करे अगर कोलगेट कर रंग नीला हो जाय और थोड़ा झाग भी बने तो प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव है। और अगर रंग नहीं बदलता है तो प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव है।

(d). साबुन से प्रेगनेंसी टेस्ट :- इस टेस्ट से भी गर्भधारण का पता लगाना बहुत ही आसान है। आपको बस साबुन को पेशाब के सैंपल में डालना है अगर झाग और बुलबुले बनते है तो प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव है। और अगर कुछ नहीं होता है तो प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव है।

उपरोक्त प्रेगनेंसी टेस्ट के घरेलू उपाय प्रेगनेंसी पता करने में बहुत ही सहायक है। पर प्रेगनेंसी की 100 % पुष्टि के लिए डॉक्टर की सलाह पर प्रेगनेंसी ब्लड टेस्ट और सोनोग्राफी ज़रूर करवाये |pregnancy test in hindi

इस प्रकार इस लेख में हमनें प्रेग्नेंट होने के लक्षण (pregnancy ke lakshan) को बहुत ही अच्छी तरह समझ लिया है आशा करते है कि ब्लॉग आपको पसंद आया होगा | लेख को ओर अधिक बेहतर बनाने के लिए आपके सुझाव कमेंट बॉक्स में आमंत्रित है।

यह भी ज़रूर पढ़े : –

  1. बाल काले करने का नेचुरल तरीका |
  2. बाल बढ़ाने का घरेलू उपाय |
  3. मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर सक्सेस |

Blog by :- Anil Ramola

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *