लो बीपी के लक्षणों को नजरअंदाज करने के भूल ना करे | low bp symptoms in hindi |

निम्न रक्तचाप (Low blood pressure) एक छुपी हुई बिमारी है। छुपी हुई इसलिए क्योंकि इसके प्रभाव कुछ लोगों पर असर डालते है और कुछ पर नही | पर इसे नज़रंदाज़ करना बहुत ही नुकसानदायक हो सकता है।

एक स्वस्थ व्यक्ति का रक्तचाप (blood pressure) 120/80 mm/hg तक होता है पर जब रक्तचाप (blood pressure)  90/60 mm/hg से कम होता है तो इसे निम्न रक्तचाप (bp low) या हाइपोटेंशन रोग़ कहते है।

इस स्थिति मे ह्रदय (Heart) की कार्य क्षमता कम हो जाती है जिसकी वजह से मस्तिष्क और शरीर के अन्य भागों मे रक्त (blood) की सप्लाई सुचारू रूप से नहीं हो पातीं है। जिससे शरीर मे कमजोरी आती है और मस्तिष्क के दिशा-निर्देश को समझने मे शरीर के अंगों बहुत अधिक समय लगता है।

लो ब्लड प्रेशर के प्रकार (low bp type in hindi)

निम्नरक्तचाप मुख्यतया 3 प्रकार को होता है और इसके शरीर पर प्रभाव भी अलग-अलग होता है।

  • ऑर्थोस्टेटिक या पोस्टुरल हाइपोटेंशन (orthostatic or postural hypotension in hindi) :- जब व्यक्ति एक ही स्थिति मे बहुत देर तक बैठा या लेटा रहता है तो गुरुत्वाकर्षण से पैरों या शरीर के निचले भाग में खून जम जाता है। और इसके तुरतं बाद जब खड़े होते तो ब्लड का प्रहाव सामान्य रूप से नहीं हो पाता और bp low हो जाता है।
  • पोस्टप्रांडियल हाइपोटेंशन(postprandial hypotension):- इस प्रकार के हाइपोटेंशन (निम्न रक्तचाप) मे खाना खाने के कुछ समय बाद ब्लड प्रेशर लो (bp low in hindi) हो जाता है। इसकी मुख्य वजह यह है की खाने के बाद रक्त  पाचन तंत्र में प्रवाहित होता है। जिसकी वजह से आपका शरीर आपकी हृदय गति बढ़ाता है और सामान्य रक्तचाप को बनाए रखने में मदद करने के लिए कुछ रक्त वाहिकाओं को संकुचित करता है। लेकिन कुछ कमज़ोर वाहिकाओं की वजह से तंत्र विफल हो जाते है।
  • दोषपूर्ण मस्तिष्क संकेतों (faulty brain signals):- तंत्रिका तंत्र की क्षति के कारण हृदय और मस्तिष्क के बीच सूचनाओं का गलत संचार होता है जिसकी वजह से ब्लड प्रेशर गिर (bp low in hindi) जाता है। इस दुर्लभ विकार में कई पार्किंसंस रोग जैसे लक्षण है।

सामन्यता निम्न रक्तचाप (low bp) के लक्षण रोग़ होने के बहुत समय बाद दिखते है पर अगर शुरुआत मे ही इन low bp ke lakshan पर गौर किया जाये तो निम्न रक्तचाप का इलाज़ (bp low treatment in hindi) कम समय मे और प्रभावी रूप से किया जा सकता है। दोस्तों, आईए निम्न रक्तचाप के लक्षण पर विस्तार से चर्चा करते है।

निम्न रक्तचाप के लक्षण (low bp symptoms in hindi):-

  • बार-बार चक्कर आना और बेहोश हो जाना |
  • त्वचा का ठंडी, रूखी और पिली होना bp low ke lakshan लक्षण है।low bp symptoms in hindi
  • थकान और डिप्रेशन लगातार रहना |
  • धुंधली दृष्टि |
  • नजर लगातार (eye vision) कम होना |low bp symptoms in hindi
  • लगातार जी मिचलाना बीपी लो के लक्षण की शुरुआत है।
  • छाती में दर्द रहना |

इस प्रकार इन सभी निम्न रक्तचाप के लक्षणों (low bp symptoms in hindi) को समय रहते पता कर इसके होने के कारणों को पर लगाम लगा सकते है।

निम्न रक्तचाप होने के कारण (Low bp reason in hindi):-

  • अधिक समय तक एक ही स्थिति बैठे या लेटे रहना |
  • शरीर मे रक्त (blood) की कमी होना |
  • पानी कम पीना |
  • खाने मे बहुत कम नमक का उपयोग करना |
  • गर्भावस्था की दवाओं और अन्य किसी रोग़ की दवाओं के प्रभाव से भी bp low होता है।
  • खाने मे पोषक तत्वों की कमी निम्न रक्तचाप का प्रमुख कारण है।
  • अधिक तनाव होना |
  • गंभीर संक्रमण और एलर्जी भी low bp का कारण है।

लो बीपी का इलाज (bp low treatment in hindi):-

  • ज्यादा पानी पिये :- तरल पदार्थ रक्त की मात्रा को बढ़ाते हैं और निर्जलीकरण (पानी की कमी) को रोकने में मदद करते हैं, ये हाइपोटेंशन के इलाज में बहुत महत्वपूर्ण है।
  • नियमित रूप से योग अभ्यास करे :- कपालभाती प्राणायाम और सूर्य नमस्कारं के नियमित सुबह के समय अभ्यास करने से low bp से बहुत जल्दी राहत मिलती है।
  • बैठते समय पैरों को क्रॉस करें :- पैरों को क्रॉस करके बैठने से रक्त वाहिकाओं पर दबाब बना रहने की वजह से bp low नहीं होता है।bp low treatment in hindi
  • नमक युक्त भोज्य प्रदार्थ का अधिक प्रयोग करें :- नमक मे सोडियम की मात्रा अधिक होती है जो के ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का कार्य करता है। पर कोशिश करे नमक का सेवन bp low ठीक होने की स्थिति मे फिर से सामन्य कर दे |
  • संपीड़न मोज़ा (कॉम्प्रेसिव सॉक्स) पहनें :-

    वैरिकाज़ नसों के दर्द और सूजन को राहत देने के लिए उपयोग किए जाने वाले कॉम्प्रेसिव सॉक्स आपके पैरों में रक्त के जमाव को कम करने में मदद करते हैं। जिससे बैठने के तुरन्त बाद खडें होने पर bp low नहीं होता है।

  • दवाएं :- ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन मे फ्लुड्रोकार्टिसोन और क्रोनिक ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन मे मिडोड्रिन टेबलेट की दवाएं रक्त वाहिकाओं के विस्तार की क्षमता को सीमित करता है, जो रक्तचाप बढ़ाता है। पर लो बीपी के इलाज़ मे दवाओं का सेवन अधिक जरूरत पड़ने पर अच्छे डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए |
  • मादक पेय से बचें :-शराब रक्तचाप को कम कर सकती है, इसलिए अत्यधिक मात्रा में शराब पीने से बचना ही लो बीपी का इलाज (bp low treatment in hindi) है।

बीपी लो में क्या क्या खाना चाहिए (bp low ho to kya khana chahiye) :-

  • विटामिन बी –12 युक्त खाद्य पदार्थ :- अंडे, गढ़वाली अनाज (झंगोरा), चिकन ,मटन ,फिश और पोषण खमीर मे बी -12 प्रचुर मात्रा मे होता है जो की low bp के समस्या को दूर करता है।
  • कैफीन :- कॉफी और कैफीन युक्त चाय हृदय प्रणाली को उत्तेजित करके रक्तचाप को अस्थायी रूप से बढ़ा सकती है।
  • नीबूं पानी और नमक चीनी का पानी पीना low bp मे बहुत फायदेमंद है।
  • मीठी और नमकीन भोज्य प्रदार्थ को अपनी डाइट मे शामिल करे |
  • बादाम और किशमिश को दूध मे भीगों कर खाए |
  • भोजन दिन-भर मे थोड़े-थोड़े अन्तराल (4 से 5 बार) मे खाए |

दोस्तों, आशा करते है की इस ब्लॉग मे आपको low bp के बारे मे विस्तार से जानकारी प्राप्त हुई | कोशिश करे की अपनी जीवनशैली मे योग और उचित खानपान को शामिल करे और किसी भी रोग़ के लक्षण दिखते ही डॉक्टर की सलाह पर उसका उपचार शुरू करे |

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ब्लॉग राइटर :- अनिल रमोला

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