आज के समय में कब्ज और गैस जैसी समस्या होना आम बात है जिसकी मुख्य वजह, हमारी अनियमित दिनचर्या और खानपान है। हमारे शरीर मे 90 प्रतिशत बीमारीयों का कारण हमारे पेट का साफ़ नहीं होना होता है। हमारी जीवनशैली इस प्रकार हो गई की हम शारीरिक परिश्रम और व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा नहीं बना पा रहे है। परिणाम स्वरुप शरीर मे से दूषित गैस नहीं निकल पाती है।
इन सभी उपरोक्त समस्यों के समाधान के लिए योग मे पवन-मुक्त आसन (Pawanmukthasana) को सबसे उत्तम माना गया है। Pawanmuktasana को विंड रिलीफ आसन ,पवनमुक्तासन, पवन-राहत मुद्रा, पवन निष्कासन मुद्रा, या पवन मुक्ति मुद्रा भी कहतें है। इस आसन के नियमित अभ्यास से पेट की आंतों का अच्छा अभ्यास होता है जिससे यह पेट की कब्ज और गैस को दूर करने मे बहुत सहायक है। आइए सबसे पहले पवनमुक्तासन का अभ्यास करने के सही चरणों को जानते हैं।
पवनमुक्तासन करने की विधि । (How To Do Pawanmuktasana)
- सबसे पहले आप पीठ के बल(शवासन) साफ़ जगह पर योग मेट या दरी बिछा कर सीधा लेट जाएं।
- अब दोनों पैरों को बिल्कुल एक दुसरे से चिपका ले।
- सांस लेते हुए, दोनों पैरों को ऊपर की तरफ 90 degree तक उठाना हैं।
- अब दोनों घुटनों को पेट की तरफ मोड़ें।
- घुटनों को दोनों हाथों की बांहों से घेर लें।
- सांस छोड़े, घुटनों को दबाते हुए छाती की ओर लाएं। सिर उठाएं तथा घुटनों को छाती के निकट लाएं जिससे ठोड़ी घुटनों को स्पर्श करने लगे।
- इस पोजीशन मे शरीर का संतुलन बना कर रखे| जहाँ तक सम्भव हो सके इस मुद्रा को मेन्टेन करें।
- फिर सांस लेते हुए पैरों को जमीन पर लेकर आएं।
- यह एक चक्र हुआ।
- इस तरह से आप 3 से 5 चक्र करें।
- यही प्रक्रिया अगर हम एक-एक पैर से करते है तो इसे एकपाद पवनमुक्तासन या सुप्त पवनमुक्तासन कहते है।
Precautions and Contra-indications (पवनमुक्तासन मे सावधानी)
- गर्भवती महिलाओं को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- हर्निया या बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को भी इस आसन को नहीं करना चाहिए|
- यदि अगले सिर पर कोई दर्द, जकड़न या चोट है सिर को ऊपर की तरफ नहीं उठाना चाहिए, सिर को फर्श पर ही रखना चाहिए।
- इस आसन पर पेट और कमर पर दबाव पड़ता है अत: यदि पेट ओर कमर की हाल मे सर्जरी हुई है तो पवनमुक्तासन को नहीँ करना चाहिए|
पवनमुक्तासन के लाभ । (Pawanmuktasana Benefits)
- पेट मे गैस की समस्या से निजात मिलती है।
- कब्ज की समस्या से तुरंत छुटकारा मिलता है।
- Pawanmuktasana रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है और नसों को उत्तेजित करता है, जिससे आंतरिक अंगों की कार्यक्षमता बढ़ जाती है।
- गर्दन ओर पीठ दर्द को दूर करता है।
- पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
- पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत करता है और रीढ़ की हड्डी के कशेरुक को लचीला करता है।
- एसिडिटी की समस्या को दूर करता है।
- ह्रदय और फफेड़ो की कार्य- क्षमता को अच्छा करता है।
- पुरूषों और महिलाओं की फर्टिलिटी क्षमता को बेहतर करता है।
Related Post :-
- Benefits of Yoga (योग के लाभ)
- कमर दर्द तुरन्त दूर करे भुजंगासन योग से
- How to reduce Weight (मोटापा कैसे कम करे)
स्वास्थ(Health) से संबंधित आपका कोई भी सुझाव या Guest Post हो तो आप anilchandramola1986@gmail.com पर E-mail send कर सकते हैं। योग Events की और अधिक जानकारी के लिए हमारे Facebook Page पर ज़रूर संपर्क करे|
Bhut achi jaankari.