डायबिटीज/मधुमेह सभी प्रकार के रोगों की मूलजड़ है। डायबिटीज होने का मूल कारण इंसुलिन हार्मोन का ना बनना या शरीर की कोशिकाओं द्वारा इंसुलिन हार्मोन का उपयोग ना हो पाना है। इन दोनों समस्याओं को क्रमशः मधुमेह टाइप 1 और मधुमेह टाइप 2 कहते है। दोनों ही प्रकार की डायबिटीज समस्याओं को विस्तार-पूर्वक समझने के लिए लेख को ध्यानपूर्वक पढ़े |
मधुमेह टाइप 1 (Diabetes Type 1):-
टाइप 1 डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपकी शरीर की बीटा सेल नष्ट होने लगती है। जिसकी वजह से अग्नाशय (पैनक्रियाज) इंसुलिन हार्मोन नहीं बना पाता है। मधुमेह टाइप 1 90% कम उम्र और नवजात शिशुओं मे होता है इसलिए इसे किशोर मधुमेह भी कहा जाता है।
मधुमेह टाइप 2 (Diabetes Type 2):-
इस मधुमेह टाइप 2 मे अग्नाशय (पैनक्रियाज) की कार्य क्षमता कम हो जाती है जिसकी वजह से इंसुलिन हार्मोन का बनना कम हो जाता है और जो इंसुलिन हार्मोन बनता भी है वो भी प्रभावी रूप से कार्य नहीं कर पाता है। जिसकी वजह से ब्लड मे शुगर की मात्रा बढ़ जाती है और ब्लड का प्रारूप गाढ़ा होने की वजह से शरीर मे बहुत सी बीमारियों का जन्म हो जाता है।
मधुमेह टाइप 2 मे सबसे बड़ी समस्या ये की इसमें डायबिटीज होने के बाद भी बहुत लम्बे समय तक बिना शारीरिक जांच के पता नहीं चल पाता है। और अगर मधुमेह टाइप 2 इलाज़ लेने के बाद ठीक भी हो जाए तो इसके फिर से होने की फिर संभवना होती है। शुगर/मधुमेह टाइप 2 के लक्षण आप निम्नलिखित ब्लॉग से पता कर सकते है।
शुगर के लक्षण तुरन्त पता करे |
जेस्टेशनल डायबिटीज :- गर्भावस्था मे महिलाओं के शरीर मे हार्मोन परिवर्तित होने की वजह से शरीर मे ग्लूकोज की मात्रा खाना खाने के बाद बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इसे जेस्टेशनल डायबिटीज की समस्या कहते है। जिसकी वजह से नवजात शिशु को ह्रदय संबधी रोग़ ,वातरोग ,नर्वस सिस्टम मे ख़राबी जैसे रोग़ हो सकते है।
शुगर तुरंत कम करने के उपाय (Prevention of diabetes in hindi):-
शुगर खत्म और कम करने मे दवाईयों का असर कम ही होता है। खान-पान मे कंट्रोल और कुछ दैनिक दिनचर्या मे सुधार करके मधुमेह टाइप 2 और सभी प्रकार की शुगर को तुरंत कम किया जा सकता है और एक सामान्य जीवन व्यतित किया जा सकता है।
- नियमित योग अभ्यास से ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। कपालभाती-क्रिया और अनुलोम-विलोम प्राणायाम से अग्नाशय (पैनक्रियाज) की कार्य क्षमता बढ़ती है। फलस्वरूप इंसुलिन हार्मोन का शरीर मे अच्छा स्त्राव होता है।
- खाने-पीने मे मीठे भोज्य-प्रदार्थ जैसे चीनी,गुड़,आलू ,मिठाई और चॉकलेट आदि का सेवन कम से कम करना चाहिए | क्योंकि मीठे भोज्य-प्रदार्थ मे शर्करां की मात्रा ज्यादा होती है।
- शुगर तुरंत कम करने के उपाय मे मेथी दाना का दिन मे 3 से 4 बार खाने मे उपयोग करना बहुत असरदार होता है। मेथी दाना को आप पानी मे भिगो कर इसका पानी पी सकते है और सीधे भी इसे खा सकते है। मेथीदाना मे फाइबर होते है जो शर्करा को अवशोषित करते है अतिरिक्त शर्करा को बनने नहीं देते है।
- शुगर की आयुर्वेदिक दवा पतंजलि के रूप मे आप दिव्य्माधुनाशनी वटी, गिलोय घनवटी, चंद्प्रभा वटी मे से कोई भी एक की सुबह शाम 2 टेबलेट ले सकते है।
- अपने भोजन मे सब्जी की मात्रा बढ़ाए | उदाहरण के लिए आपके भोजन की थाली मे 50% हिस्सा सब्जी का होना चाहिए | इसे हम एसे भी समझ सकते है अगर आप को चार रोटी की भूख है तो आप 2 रोटी खाये बाकि हिस्सा हरी सब्जियों के लिए रखे |
- जामुन के बीज में जम्बोलिन और जंबोसिन जैसे यौगिक तत्व होते है जो की शर्करा के बनने की गति को धीमा करते है। जिससे पैनक्रियाज़ (अग्न्याशय) की कार्यकुशलता बढ़ने के वजह से इंसुलिन हार्मोन का स्त्राव बढ़ता है। जामुन को पानी मे भीगा कर और इसके बीज का पाउडर बना कर सेवन किया जा सकता है।
- नियमित से करेले का ज्यूस पीने से शुगर को बढ़ने से रोका जा सकता है।
- तुलसी के पतियों का सुबह के समय खाली पेट नियमित सेवन ,शुगर की दवा के रूप मे काम करता है।
इन सभी उपायों और Sugar ki dawa को अपना कर हम मधुमेह टाइप 2 और डायबिटीज के अन्य रूप को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते है।
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Blog Writer:- Anil Ramola
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